GK In Hindi General Knowledge लाफिंग गैस की खोज किसने की थी : आपने कई फिल्मों और टीवी शोज में देखा होगा। कोई कैप्सूल में से एक अजीब से गैस को छोड़ते हैं और वहां मौजूद सभी लोग जो उस गैस की चपेट में आते हैं हंसना शुरू कर देते हैं। उसे लाफिंग गैस के नाम से बुलाया जाता है कि लेकिन क्या आप जानते उस गैस का असल नाम क्या है और उसकी खोज किसने की थी। चलिए आपको बताते हैं। लाफिंग गैस या हंसाने वाली गैस का वैज्ञानिक नाम नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) होता है। ये एक रंगहीन और गंधहीन गैस होती है, जिसकी खोज एक अंग्रेज वैज्ञानिक जोजफ प्रीस्टली ने साल 1793 में की थी।
लाफिंग गैस की खोज किसने की थी | General Knowledge
इसके बाद ब्रिस्टल के न्यूमैटिक इंस्टिट्यूट के हम्फ्री डेवी ने इसके कुछ प्रयोग किए और पाया कि जो लोग इसे कुछ देर इसे सूंघते हैं। वो अपने आप बिना किसी वजह के हंसना शुरू कर देते हैं। फिर उन्ही ने इसका नाम रखा लाफिंग गैस रख दिया। इसके बाद आने वाले अगले 40 सालों तक इस गैस का इस्तेमाल मनोरंजन के लिए ही होता रहा। जैसे सर्कस में या किसी भी कॉमेड़ी शो में आदि में। वहीं एक बार अमरीका में दांतों के एक डॉक्टर होरेस वैल्स ने एक प्रदर्शन के दौरान देखा कि इस गैस को सूंघने वाले लोगों को चोट लगी लेकिन उस इंसान को दर्द की अनुभूति तक नहीं हुई।
GK In Hindi लाफिंग गैस की खोज किसने की थी
इसके बाद उन्होंने भी इसका इंस्तेमाल दांत निकालने के लिए करना शूरू लकर दिया, जो काफी हद तक कामयाब भी साबित हुआ, लेकिन चिकित्सा जगत ने उसे पूरी तरह सफल नहीं माना गया। कई बड़े-बेड़ डॉक्टर्स ने इसको लेकर उनका काफी अपमान किया, जिसके बाद सार्वजनिक अपमान होने से उन्होंने आत्महत्या कर ली। उनकी मृत्यु के डेढ़ सौ साल बाद नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) को बेहोश करने वाली दवा के रूप में दांतों के इलाज में प्रयोग किया जाने लगा। हैं ना गजब की बात। जब वो जिंदा थे और इसका इस्तेमाल कर रहे थे तब सबसे उनका मजाक बनाया उनका अपमान किया, लेकिन बाद में उसी गैस का इस्तेमाल कर इलाज किया जाने लगा।
General Knowledge लाफिंग गैस की खोज किसने की थी
GK in Hindi General Knowledge वैसे तो लाफिंग गैस लोगों को हंसाने का काम करती है। सूंघने पर यह गैस हमारे रक्त में होकर दिमाग के हंसी-केंद्र को उत्तेजित कर देती है। इसी उत्तेजना के कारण इंसान जोर-जोर से बिना किसी वजह के हंसने लगता है। इसके साथ ही ये भी जान लिजिए कि अगर कोई इस गैस को ज्यादा मात्रा में सूंघता लेता है तो यह उसके लिए ये काफी खतरनाक भी साबित हो सकता है। इससे हिस्टीरिया के हल्के दौरे पड सकते हैं। बता दें कि इस गैस का इफेक्ट जल्दी होता है और खत्म भी जल्दी ही हो जाता है |
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